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क्या बिहार में अब नीतीश का दौर खत्म हो चुका है ?

जागरण जंक्शन फोरम
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सोमवार को बरबीघा की एक चुनावी सभा में चप्पल दिखाई गई। उन पर बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और जातिवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया।


वहीं दूसरी ओर बिहार के नालंदा में नीतीश की एक अन्य रैली में पुलिस को जनता पर लाठीचार्ज करना पड़ा। रैली में पहुंचे लोगों ने रोड नहीं तो वोट नहींके नारे लगाए।


नीतीश की रैलियों में लगातार हो रहा जनविरोध यह दर्शाता है कि बिहार की जनता उनके नीतियों तथा फैसलों से नाखुश दिख रही है तथा परिवर्तन चाहती है। हाल ही में कराए गए एबीपी न्यूज-नीलसन के सर्वे के मुताबिक नीतीश की पार्टी जेडीयू को बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से महज 2 से 5 सीटें ही मिल सकती हैं जबकि उनके पुराने साथी बीजेपी को एलजेपी के साथ गठबंधन के चलते 21 से 29 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे की मानें तो जेडीयू का हाल आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन से भी बुरा रहने वाला है।


राजनीतिक जानकारों का एक पक्ष कहता है कि नीतीश ने बीते एक सालों में पार्टी और पार्टी के बाहर जो फैसले लिए हैं उससे उन्हें आने वाले लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। मसलन बीजेपी के साथ नाता तोड़ना, जनता के विरोध का जवाब पुलिस कार्यवाही से देना, अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए पार्टी पर अपने फैसले थोपना आदि। थर्ड फ्रंट के जरिए वह कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं, लेकिन बिहार में मोदी के बढ़ते प्रभाव के चलते ऐसा संभव नहीं है।


वहीं दूसरा पक्ष इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता। उनका मानना है कि बीजेपी को लेकर नीतीश ने जो फैसले लिए हैं वह पार्टी के हित को ध्यान में रखते हुए लिए हैं। भले ही आज जेडीयू में सब कुछ सही नहीं चल रहा, लेकिन जिस तरह का नीतीश का व्यक्तित्व है तथा बिहार की राजनीति में जिस तरह की उनकी पकड़ है, उन्हें आसानी से मात देना किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए आसान नहीं होगा।

उपरोक्त मुद्दे के दोनों पक्षों पर गौर करने के बाद निम्नलिखित प्रश्न हमारे सामने हैं जिनका जवाब ढूंढ़ना नितांत आवश्यक है, जैसे:


1. क्या बिहार की जनता सत्ता परिवर्तन चाहती है ?

2. क्या नीतीश का प्रधानमंत्री बनने का सपना पार्टी को डुबो देगा ?

3. क्या बिहार में अब नीतीश का दौर खत्म हो चुका है ?

4. क्या बीजेपी से गठबंधन तोड़ना नीतीश की सबसे बड़ी भूल थी ?

5. सारे अनुमानों को धता बताते हुए नीतीश अपने दम पर चमत्कारिक जीत हासिल करेंगे?


जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:


क्या बिहार में अब नीतीश का दौर खत्म हो चुका है ?


आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।


नोट: 1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हैं तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “नीतीश का दौर खत्म हो चुका है” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व “नीतीश का दौर खत्म हो चुका है” – Jagran Junction Forum लिख कर जारी कर सकते हैं।

2. पाठकों की सुविधा केलिए Junction Forum नामक कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।

3. अगर आपने संबंधित विषय पर अपना कोई आलेख मंच पर प्रकाशित किया है तो उसका लिंक कमेंट के जरिए यहां इसी ब्लॉग के नीचे अवश्य प्रकाशित करें, ताकि अन्य पाठक भी आपके विचारों से रूबरू हो सकें।


धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार


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