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क्या सेक्स एजुकेशन द्वारा यौन अपराधों पर लगाम लग सकती है?

जागरण जंक्शन फोरम
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हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में हुए गैंग रेप के बेहद नृशंस और अमानवीय अपराध में एक नाबालिग के शामिल होने जैसी शर्मनाक घटना के मद्देनजर जस्टिस जे.एस. वर्मा समिति की सिफारिशों के अनुसार स्कूली पाठ्यक्रम में यौन शिक्षा को शामिल किया जाना चाहिए ताकि बच्चों को सही-गलत जैसे व्यवहार और आपसी संबंधों के विषय में पता चले। जे.एस. वर्मा समिति की सिफारिशों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री एम.एल. पल्लम राजू का भी कहना है कि इन सभी सिफारिशों पर विचार-विमर्श शुरू किया जा चुका है और जल्द ही कुछ हिस्सों को पाठ्यक्रम में शामिल कर दिया जाएगा। पल्लम राजू का कहना है कि इस मुद्दे पर केंद्र सभी राज्यों से बात करेगा और जल्द ही औपचारिक तौर पर इसे लागू किया जाएगा।


सेक्स एजुकेशन को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने जैसा मसला भारतीय समाज में हमेशा से ही एक विवादास्पद विषय रहा है। लेकिन अब जब केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने भी इस मुद्दे पर अपनी सहमति दर्शा दी है तो यह संभावनाएं भी तेज हो गई हैं कि शायद अब जल्द ही स्कूली बच्चों को सेक्स की शिक्षा देना आरंभ कर दिया जाएगा और इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर सेक्स एजुकेशन के पक्ष और विपक्ष में भी ऐसे लोग उठ खड़े हुए हैं जिनकी विचारधारा एक-दूसरे से पूरी तरह भिन्न तो है लेकिन यह भी पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि कौन अपनी जगह सही है और कौन गलत।


तार्किक और व्यवहारिक बुद्धिजीवियों की जमात में शामिल लोगों का कहना है कि आज जब उम्र से पहले ही बच्चे शारीरिक संबंधों के विषय में जानने और समझने लग गए हैं तो जाहिर सी बात है कि इस विषय पर उनकी उत्सुकता को भी बल मिलेगा और इसी उत्सुकता को शांत करने के लिए वे बिना सही-गलत को समझे इन संबंधों का अनुसरण करने लगेंगे। इसीलिए शारीरिक संबंधों की सही जानकारी से बच्चों को अवगत कराना आज के समय की मांग है। इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि सही जानकारी प्राप्त कर किशोर असुरक्षित यौन संबंधों से होने वाले संक्रमण से बचेंगे। आज किशोर यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वे एक प्रकार के मनोविकार का शिकार हो रहे हैं जिसकी वजह से वह कम उम्र में ही जबरन यौन संबंध स्थापित करने जैसा अपराध कर अपना जीवन बरबाद कर देते हैं। इन बुद्धिजीवियों का कहना है कि ऐसे हालातों के मद्देनजर वह सही-गलत को समझ सकते हैं और साथ ही जब बच्चे अपने साथ होने वाली अनैतिक हरकतों को समझ पाएंगे तो अभिभावकों को अपनी आपबीती भी सुना सकते हैं जिसके परिणामस्वरूप बाल यौन शोषण जैसी वारदातें भी कम हो सकती हैं।


वहीं दूसरी ओर नैतिकता, धर्म और सामाजिक संहिताओं के पैरोकार हैं जिनके अनुसार भारतीय समाज में सेक्स एजुकेशन का होना घोर विनाशकारी सिद्ध हो सकता है। उनका कहना है कि उम्र के साथ-साथ बच्चे सब कुछ सीख जाते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की विशेष यौन शिक्षा देने की कोई जरूरत नहीं है। सामाजिक दृष्टि से सोचने वाले लोगों का मत है कि सेक्स एजुकेशन ग्रहण करने के बाद हो सकता है बच्चे इस ओर अधिक रुचि लेने लगें जिसके परिणामस्वरूप उनके भीतर उठने वाली यौन आंकाक्षाओं को और बल मिलने लगे। इसके अलावा अपनी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद वह बगैर किसी डर और परेशानी के शारीरिक संबंधों का अनुसरण करने लगेंगे जो निश्चित रूप से उनके और समाज के अन्य लोगों के लिए हानिकारक है। उनका यह व्यवहार उनकी नैतिकता और सामाजिक भूमिका को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।


उपरोक्त दोनों पक्षों के मतों को समझने के बाद निम्नलिखित प्रश्न हमारे सामने उठते हैं जिनका जवाब ढूंढ़ना हमारे लिए नितांत आवश्यक है, जैसे:

1. सेक्स एजुकेशन के जरिए यौन अपराधों पर नकेल कसने जैसा विचार कहां तक सही है?

2. क्या सामाजिक संहिताओं के पैरोकारों का यह कहना सही है कि इससे अपराधों में कमी नहीं बढ़ोत्तरी होगी?

3. क्या सेक्स एजुकेशन का लॉलीपॉप दिखाकर सरकार महिलाओं को दी जाने वाली सुरक्षा से जुड़ी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रही है?

4. सेक्स एजुकेशन के द्वारा भटकते युवा अपने मार्ग पर आ सकते हैं, आप इस बात पर कहां तक सहमति रखते हैं?

5. अपराधों की रोकथाम में असफल साबित हो रहे प्रशासन के लिए क्या सेक्स एजुकेशन ही एकमात्र रास्ता बचा है?


जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:

क्या सेक्स एजुकेशन द्वारा यौन अपराधों पर लगाम लग सकती है?


आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।


नोट:1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हैं तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “सेक्स एजुकेशन”  है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व  सेक्स एजुकेशन – Jagran Junction Forum लिख कर जारी कर सकते हैं।


2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।


धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार


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