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कितनी आवश्यक है राष्ट्रपति के लिए राजनैतिक पृष्ठभूमि ?

जागरण जंक्शन फोरम
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कुछ ही समय में देश को अपना अगला राष्ट्रपति मिलने वाला है। जैसे-जैसे वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल का कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है वैसे-वैसे भारत के अगले राष्ट्रपति से जुड़ी चर्चाएं भी बहुत तेज होती जा रही हैं। हर दिन कोई ना कोई नया चेहरा राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी दर्ज करवाता रहता है लेकिन देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि प्रगति के मार्ग पर अग्रसर भारत देश का अगला राष्ट्रपति राजनैतिक पृष्ठभूमि वाला होना चाहिए या फिर गैर राजनैतिक?


बुद्धिजीवियों का एक वर्ग जो राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले राष्ट्रपति की पैरवी करता है, का कहना है कि किसी भी देश का राष्ट्रपति उस देश का प्रथम नागरिक होता है। भारतीय लोकतांत्रिक व्य्वस्था में भले ही राष्ट्रपति को राजनैतिक तौर पर अधिक शक्तिशाली नहीं बनाया गया है लेकिन फिर भी देश के प्रथम नागरिक को राजनीति में अनुभव अवश्य होना चाहिए। उसे देश के राजनैतिक हालातों की समझ होगी तो वह सही समय पर सही निर्णय ले सकेगा। अगर राष्ट्रपति गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से होगा तो उसके लिए राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी पकड़ बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा।


वहीं दूसरी ओर कुछ विचारक ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि देश के राष्टृपति को गैर राजनैतिक पृष्ठभूमि का ही होना चाहिए। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि किसी पार्टी के साथ संबंध ना होने के कारण राष्ट्रपति पक्षपात नहीं करेगा। वह जो भी निर्णय लेगा वह पूरी तरह निष्पक्ष और जनता के हितार्थ होगा। भारत के राजनैतिक इतिहास में बहुत से ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं जो सीधे-सीधे तत्कालीन सरकार के फैसलों पर ही मुहर लगाते रहे हैं। जबकि हम यह उम्मीद करते हैं कि देश का राष्ट्रपति किसी भी प्रकार के राजनैतिक लाभ से मुक्त रहे। अगर राष्ट्रपति गैर राजनीतिक होगा तो उस पर किसी पार्टी का अहसान नहीं होगा, वह किसी पार्टी के सिद्धांतों पर नहीं चलेगा। राजनैतिक पृष्ठभूमि वाले राष्ट्रपति राजनीतिक लाभ-हानि को महत्व देते हैं और पार्टी छोड़ने के बाद भी वह अपने राजनैतिक मित्रों और साथियों के सुझावों पर ही चलते हैं। इसीलिए भारत का ऐसा राष्ट्रपति जो किसी पार्टी से संबंध ना रखता हो वही देश के लिए हितकर है।


इन दो विचारधाराओं को समझने के बाद निम्नलिखित प्रश्न उठते हैं जिनके जवाब पाने के लिए विचार-विमर्श होने बेहद जरूरी हैं, जैसे:


  1. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में राष्ट्रपति के कार्य बहुत सीमित हैं, ऐसे में कहां तक जरूरी है कि उसे राजनीति का अनुभव होना चाहिए?
  2. क्या जनता के हितों के बारे में सोचने के लिए राजनीतिक पृष्ठभूमि का होना आवश्यक है?
  3. क्या देश की जनता गैर राजनीतिक व्यक्ति की निर्णय क्षमता पर भरोसा कर सकती है?

जागरण जंक्शन इस बार के फोरम मेंअपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:


कितनी आवश्यक है राष्ट्रपति के लिए राजनैतिक पृष्ठभूमि ?


आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।


नोट:1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “देश का अगला राष्ट्रपति” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व देश का अगला राष्ट्रपति Jagran JunctionForum लिख कर जारी करें।


2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।


धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार



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