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वेश्यावृत्ति को दुनिया के सबसे पुराने पेशों में से एक माना जाता है। प्राचीन काल से ही समाज में देह व्यापार से आजीविका अर्जित करने वाले समूहों का अस्तित्व मिलता है। इसके अस्तित्व के साथ ही इस पेशे को नियम-कानूनों के दायरे में लाने की कोशिशें भी होती रही हैं। भारत के प्राचीन ग्रंथ अर्थशास्त्र तक में वेश्याओं को राजतंत्र का अविच्छिन्न अंग माना गया है साथ ही उन पर कुछ नियम-कानून आरोपित किए गए हैं।
भारत में वेश्यावृत्ति या देहव्यापार अभी भी अनैतिक देहव्यापार कानून के तहत आता है और अकसर इसे कानूनन वैध बनाए जाने की मांग उठती रही है। किंतु हाल में वेश्यावृत्ति का मामला तब ज्यादा चर्चा में आ गया जबकि उच्चतम न्यायालय ने इस बारे में सलाह मांगी कि सेक्स कर्मियों को इज्जत के साथ अपना पेशा चलाने के लिए क्या शर्तें होनी चाहिए। इससे एक महत्वपूर्ण संकेत यह भी गया कि उच्चतम न्यायालय का यह कदम वेश्यावृत्ति को वैध घोषित कर उसके लिए कुछ संरक्षण प्रावधान बनाए जाने की दिशा में एक पहल है।
लेकिन समाज में कुछ वर्गों द्वारा वेश्यावृत्ति को कानूनी तौर पर वैध बनाए जाने का कड़ा विरोध भी हो रहा है। इसके पीछे उनकी चिंता ये है कि यदि वेश्यावृत्ति को वैध घोषित कर दिया जाएगा तो इससे समाज का नैतिक-चारित्रिक पतन होने लगेगा। इसी मसले पर अभी कुछ समय पूर्व चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा था कि “यदि वेश्यावृत्ति को कानूनी दर्जा मिलता है तो इससे देश भर में गुपचुप तौर पर चल रहे सेक्स रैकेट को भी मान्यता मिल जाएगी। ऐसा होने से समाज का नैतिक पतन होगा और महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ेंगी। सेक्स रैकेट चलाने वाले लोग बेबश लड़कियों और महिलाओं की मजबूरी का फायदा उठाएंगे।“
लेकिन वहीं कुछ मानवाधिकार संगठनों सहित कई प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों का कहना है कि देश में सेक्स कर्मियों को दोहरा शोषण झेलना पड़ता है। समाज तो उन्हें प्रताड़ित करता ही है पुलिस भी उन्हें ही दोषी ठहराती है। यह तबका उन्हें पीड़ित मानता है और उसकी मांग ये है कि सेक्स कर्मियों से पीड़ित की तरह ही व्यवहार किया जाए।
“वेश्यावृत्ति को कानूनी मान्यता प्रदान करके इसे वैध घोषित किया जाना चाहिए या नहीं” जैसे मुद्दे की गंभीरता और इसके सामाजिक-नैतिक प्रभावों सहित मानवाधिकार के आलोक में कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित हैं, जैसे:
1. क्या वेश्यावृत्ति को कानूनन वैध घोषित कर देना चाहिए?
2. क्या वेश्यावृत्ति को कानूनन वैध घोषित करने से यौनकर्मियों के शोषण पर लगाम लगेगी?
3. क्या वेश्यावृत्ति को वैध घोषित करने से सामाजिक और नैतिक पतन होगा?
4. वेश्यावृत्ति को कानूनी रूप से वैध क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए?
जागरण जंक्शन इस बार के फोरम मेंअपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:
वेश्यावृत्ति को कानूनी वैधता – सही या गलत ?
आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।
नोट: 1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “वेश्यावृत्ति” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व वेश्यावृत्ति– Jagran JunctionForum लिख कर जारी करें।
2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।
धन्यवाद
जागरण जंक्शन परिवार
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